Pitradosh Puja Siddhavat temple me kaise ki jati hai ?
पितृदोष का पूजन अर्चन यहां पर हमारे पितरों को शांति प्रदान करने के लिए पितृदोष होता है | पित्र कौन जो हमारे पूर्वज लोग रहते हैं वह | पितृदोष का पूजन अर्चन यहां पर अवंतिका नगरी शिप्रा किनारे पर किया जाता है | सर्वप्रथम आटे के पिंड बनते हैं | उन पिंडों का फिर पूजन अर्चन किया जाता है | फिर मंडल पूजन अर्चन करते हैं | इस प्रकार से यहां पर पितरों के निमित्त हवन भी होता है | फिर पितरों से आशीर्वाद लिए जाते हैं| पित्र का यहां पर हम पूजन अर्चन करते हैं, तो साथ तर्पण किया जाता है | हर एक व्यक्ति जो शांत हो गया है | उसका नाम लेकर के तीन बार जल प्रदान करते हैं | जल अंगूठे के माध्यम से दिया जाता है |
हमारे हाथों में 4 तीर्थ माने जाते हैं | सबसे पहला तीर्थ आता है देव तीर्थ जो भी सामग्री हम भगवान को उंगलियों के माध्यम से चढ़ाएंगे वह देव तीर्थ कहलाता है| ऋषि तीर्थ हम दोनों हाथों के बीच में से जो सामग्री प्रदान करेंगे वह ऋषि तीर्थ कहलाता है | पित्र तीर्थ हम कोई भी चीज अंगूठे के ऊपर से प्रदान करेंगे वह पुत्र तीर्थ कहलाता है | और जो हम स्वयं पीते हैं ब्रह्म तीर्थ | हमारे हाथों में 4 तीर्थ माने गए हैं यहां अवंतिका नगरी में शिप्रा किनारे पर पिंड दान इसलिए किया जाता है | कि स्वयं राम जी खुद आकर के उनके पिता जी दशरथ जी का पिंडदान किया था | आपने सभी नदियां देखी होगी पर जो शिप्रा नदी है | वह दक्षिण से उत्तर की तरफ बहती है | दक्षिण में किसका वास माना जाता है हमारे पितरों का दक्षिण से उत्तर की तरफ बहने वाली नदी मोक्ष को प्रदान करती है | जो हमारे पित्र देवता रहते हैं | वह सारे वैकुंठ में वास करते हैं | शिप्रा किनारे पर जो अवंतिका नगरी में आकर के हम जो हमारे पितरों का पिंडदान पूजन अर्चन इत्यादि कार्य करते हैं तो यहां पर हमारे पित्रों को मोक्ष मिलता है |
कोई अधोगति में शांत हो गया हो, जैसे कोई एक्सीडेंट में शांत हुआ हो | कोई बीमारी से शांत हुआ हो |या किशन कुछ खा कर शांत हुआ हो | तो उनको मोक्ष नहीं मिल पाता है वह कहीं योनियों में भटकते रहते हैं | किसी के स्वप्न में आना, किसी को परेशान करना, किसी का शरीर में आना किसी को वाइट कपड़ो में दिखना ऐसी सारी चीजें होती है | अपने घर में सुख शांति नहीं मिलती | हम बीमार रहते हैं | हम दुखी रहते हैं | हम कितना ही धन कमाल है हमारे पास कुछ नहीं बचता | ऐसी सारी चीजें बहुत सारी कठिनाइयों का परेशान का सामना करना पड़ता है | जब तक हमारे पितर देवता सुखी नहीं रहते हैं | वह हमको सुखी नहीं रहने देते हैं | इसीलिए पितरों का पूजन अर्चन करना बहुत ही जरूरी रहता है| क्योंकि वह सुखी रहेंगे तो वह हमको सुखी रखेंगे | अगर जो वह दुखी हैं तो हम भी दुखी रहेंगे | इसलिए पितरों का पूजन अर्चन करना बहुत जरूरी रहता है |
जय पित्र देवता नमः
Pitradosh Puja Siddhavat temple ki vishesh jankari:
यह सिद्धवट वृक्ष का स्थान है इसलिए यहाँ पर कोई भी दिन पूजन हो सकती है। १२ ही महीने यजमान आते रहते है। यह पूजन २ से ३ घंटे तक चलती है। सिद्धवट में पितृदोष पूजा की कॉस्ट २१०० से ५१०० तक आती है। पितृदोष पूजा की सामग्री की व्यवस्था पडितजी ही करते है। आपको आते समय पूजन के कपडे जैसे आदमी के लिए धोती१, कुर्ता १ टॉवल १ और औरत के लिए साड़ी ( काली, हरी, सफेद छोड़कर ) लाना है। पूजन होने के बाद कपडे छोड़ने होते है। आने से १ दिन पहले कॉल करना आवश्यक है।
Pitradosh Puja Siddhavat temple ke liye aap 08180885588 par call kar sakte hai.