Kaalsarp puja ujjain mahakal me kyo ki jati hai?

यह पूजा अवंतिका नगरी उज्जैन में करने के एक खास वजह है कि यह मृत्यु लोक के देवता बाबा महाकाल का स्थान है|ऐसा पुराणों में बोला गया है की, जो भी व्यक्ति दोष के निवारण पूजा यह क्षेत्र में करेगा वह इस दोष से मुक्त हो जाएगा इस कारणवश साल भर में बहुत सारे जातक कालसर्प दोष निवारण करने हेतु अवंतिका नगरी उज्जैन आते हैं…

kaalsarp puja vidhi kaise ki jati hai ?

यहां पर भगवान नाग देवता का पूजन होता है मंडल पर नो नाग देवता विराजमान रहते हैं उनका नाम है आनंद वासु की तक्षक कर्कोटक शंखपाल पद्मनाभम दृष्टांत कालिया और शेषा यह नो नाग होते हैं इन नो ही नागो का पूजन अर्चन होता है हम को नहीं पता रहता है कि हमारी पत्रिका में कौन से नाग देवता का कालसर्प पूजन है इसीलिए यहां पर 9  नागों का पूजन अर्चन किया जाता है चांदी के नाग देवता रहते हैं उनका अभिषेक करके जल में विसर्जन किया जाता है शिप्रा नदी में
अब यहां पर हम आगे पूजन करने पड़ेंगे भगवान नवग्रह देवता सूर्य चंद्र मंगल बुध गुरु शुक्र शनि राहु और केतु यह नौ ग्रह है इनके सभी के दो-दो सहायक देवता होते हैं जिनको अपन बोलते हैं बो पिए पर्सनल असिस्टेंट तो यहां पर संख्या हो जाती है सत्ताविस दिशाएं अपनी कितनी है 10 चार दिशा चार दिशाओं के कोने एक धरती एक आकाश यह दसों दिशाओं से 10 दिगपाल रक्षा करने वाले संख्या हो जाती है 37 हमारे शरीर का निर्माण किन किन चीजों से हुआ पंच तत्वों से जल अग्नि आकाश वायु और मिट्टी यह पंचतत्व से हमारा शरीर का निर्माण हुआ है हम उनका भी इसमें पूजन अर्चन करते हैं संख्या हो जाती है 42 एक होते क्षेत्रपाल देवता जिस क्षेत्र जिस नगर में हम निवास करते हैं वहां के भेरू महाराज एक होते हैं वास्तु देवता हमारे घर में हमने जो मंदिर बना करके रखा है जिनका हम नित्य पूजन अर्चन करते हैं भगवान नवग्रह देवता के साथ में आधी प्रत्याशी पंच लोकपाल 10 दिगपाल वास्तु देवता क्षेत्रपाल देवता 44 देवता का पूजन अर्चन होता है तब जाकर ग्रह शांति पूजन अर्चन पूर्ण होता है नवग्रह के बाद में हवन होता है यह इस प्रकार पूजन अर्चन होता है जय श्री महाकाल

कालसर्प दोष की विशेष जानकारी:

कुंडली में कालसर्प दोष है या नहीं यह जानने के लिए आप पंडित जी को आपका नाम, जन्मदिन, जन्म समय, और स्थान व्हाट्सएप पर भेज सकते हैं, या फिर फोन लगाकर बोल सकते हैं आप की जन्मपत्री बनाकर आपको दोष के बारे में जानकारी दी जाएगी|वैसे तो कालसर्प दोष 12 प्रकार के होते हैं |राहु और केतु के बीच में जब बाकी ग्रह आते हैं तो उस दोस्त को कालसर्प दोष माना जाता है| राहु और केतु को क्रूर ग्रह माना गया है यह भी देखना जरूरी होता है के आपके कुंडली में कालसर्प दोष प्रभावित है या नहीं, उस दोष को देखते हुए आपको कौन से काल सर्प दोष के लिए पूजन जरूरी है वह बोला जाता है…

कालसर्प दोष है होने वाले नुकसान:

कालसर्प दोष होने के कारण व्यक्ति को जीवन में कई तरह के समस्याओं का सामना करना होता है जैसे के मानसिक अशांति, धन हानि, संतति हानि, शारीरिक पीड़ा इस तरह के हानिया होती है

जबान के लिए महत्वपूर्ण जानकारी:

काल सर्प पूजा घंटे तक चलती है आप सुबह 7:00 से दोपहर के 1:00 बजे तक आ सकते हैं आप आने के बाद पूजन शुरू की जाएगी पूजन के लिए लगने वाली सभी सामग्री पंडित जी की तरफ से होती है आपको कुछ भी नहीं लाना है आप जैसे भी देना आने वाले हो उसी दिन से 1 दिन पहले कॉल करना जरूरी है |

Kaalsarp Puja Ujjain Mahakal

कालसर्प दोष ऑनलाइन भी हो सकती है अधिक जानकारी के लिए click 

kaalsarp puja ujjain mahakal ke liye aap 08180885588 par call kar sakte hai.